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New Rahat Indori Best Shayari With Images 2023
rahat indori shayari
इश्क़ में जीत के आने के लिए काफी हूं मैं निहत्था ही जमाने के लिए काफी हूं मेरी हर हकीकत को मेरी ख़ाक समझने वाले.. मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए हीं काफी हूं -राहत इंदौरी सहाब की शायरी
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rahat indori shayri
बुलाती है मगर जाने का नईं ये दुनिया है इधर जाने का नईं
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rahat indori shayari in hindi
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुजर जाने का नईं सितारें नोच कर ले जाऊँगा मैं खाली हाथ घर जाने का नईं वबा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नईं वो गर्दन नापता है नाप ले मगर जालिम से डर जाने का नईं -राहत इंदौरी शायरी
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rahat indori sher
चोरों-उचक्कों की करो कद्र, के मालूम नहीं, कौन, कब, कौन सी सरकार में आ जाएगा.. -राहत इंदौरी सहाब की शायरी
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rahat indori shayari
ये कैंचियां हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगीं कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं.. -राहत इंदौरी
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rahat indori Best shayari
बादशाहो से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए हमने ख़ैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से.. -राहत इंदौरी सहाब
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shayari of rahat indori
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं सब अपने चेहरों पर दोहरी नक़ाब रखते हैं... -राहत इंदौरी
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 4 लाइन
मिरी ग़ज़ल से बना ज़ेहन में कोई तस्वीर सबब न पूछ मिरे देवदास होने का कहाँ हो आओ मिरी भूली-बिसरी यादो आओ ख़ुश-आमदीद है मौसम उदास होने का -राहत इंदौरी शायरी
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rahat indori sher 2023
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने . तेरी दस्तार पे तन्कीद की हिम्मत तो नहीं अपनी पापोश को कालीन कहा है मैंने . मस्लेहत कहिये इसे या के सियासत कहिये चील-कौओं को भी शाहीन कहा है मैंने . ज़ायके बारहा आँखों में मज़ा देते हैं बाज़ चेहरों को भी नमकीन कहा है मैंने . तूने फ़न की नहीं शिजरे की हिमायत की है तेरे ऐजाज़ को तौहीन कहा है मैंने -राहत इंदौरी सहाब शायरी
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rahat indori poetry
किसी आहू के लिये दूर तलक मत जाना शाहज़ादे कहीं जंगल में भटक मत जाना . इम्तहां लेंगे यहाँ सब्र का दुनिया वाले मेरी आँखों ! कहीं ऐसे में चलक मत जाना . जिंदा रहना है तो सड़कों पे निकलना होगा घर के बोसीदा किवाड़ों से चिपक मत जाना . कैंचियां ढ़ूंढ़ती फिरती हैं बदन खुश्बू का खारे सेहरा कहीं भूले से महक मत जाना . ऐ चरागों तुम्हें जलना है सहर होने तक कहीं मुँहजोर हवाओं से चमक मत जाना -राहत इंदौरी सहाब की शायरी
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Shayari Of Rahat Indori
हर मुसाफ़िर है सहारे तेरे . हर मुसाफ़िर है सहारे तेरे कश्तियां तेरी, किनारे तेरे . तेरे दामन को ख़बर दे कोई, टूटते रहते हैं तारे तेरे . धूप दरिया में रवानी थी बहुत बह थक गए चांद सितारे तेरे . तेरे दरवाज़े को जुम्बिश न हुई मैंने सब नाम पुकारे तेरे . बे तलब आँखों में क्या-क्या कुछ है वो समझता है इशारे तेरे . कब पसीजेंगे ये बहरे बादल हैं शज़र हाथ पसारे तेरे . मेरा इक पल भी मुझे मिल न सका मैंने दिन-रात गुज़ारे तेरे . तेरी आँखें तेरी बीनाई है तेरे मंज़र हैं नज़ारे तेरे . यह मेरी प्यास बता सकती है क्यों समंदर हुए खारे तेरे . जो भी मनसूब तेरे नाम से थे मैंने सब क़र्ज़ उतारे तेरे . तूने लिखा मेरे चेहरे पे धुंआ मैंने आईने संवारे तेरे . और मेरा दिल वही मुफ़लिस का चिराग़ चाँद तेरा है सितारे तेरे -राहत इंदौरी शायरी
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rahat indori ki shayari
कभी दिमाग़ कभी दिल कभी नज़र में रहो ये सब तुम्हारे ही घर हैं किसी भी घर में रहो . जला न लो कहीं हमदर्दियों में अपना वजूद गली में आग लगी हो तो अपने घर में रहो . तुम्हें पता ये चले घर की राहतें क्या हैं हमारी तरह अगर चार दिन सफ़र में रहो . है अब ये हाल कि दर दर भटकते फिरते हैं ग़मों से मैं ने कहा था कि मेरे घर में रहो . किसी को ज़ख़्म दिए हैं किसी को फूल दिए बुरी हो चाहे भली हो मगर ख़बर में रहो -राहत इंदौरी हिन्दी में शायरी
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rahat indori quotes
शराब छोड़ दी तुमने ,कमाल है ठाकुर मगर ये हाथ में क्या लाल लाल है ठाकुर . किसी गरीब दुपट्टे का कर्ज़ है इस पर , तुम्हारे पास जो रेशम कि शाल है ठाकुर . तुम्हारी लाल हवेली छुपा न पाएगी , हमे ख़बर है कहाँ कितना माल है ठाकुर . दुआ को नन्हे गुलाबों ने हाथ उठाये है, बस अब यहाँ से तुम्हारा जवाल है ठाकुर -राहत इंदौरी शायरी
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shayari Of rahat indori
घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है . जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है . मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है . नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा होश आया तो ख़याल आया कि घर जाना है . मिरे जज़्बे की बड़ी क़द्र है लोगों में मगर मेरे जज़्बे को मिरे साथ ही मर जाना है -राहत इंदौरी शायरी
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rahat indori best shayari on love 2023
घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है . जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है . मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है . नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा होश आया तो ख़याल आया कि घर जाना है . मिरे जज़्बे की बड़ी क़द्र है लोगों में मगर मेरे जज़्बे को मिरे साथ ही मर जाना है -राहत इंदौरी
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dr rahat indori shayari
तुम्हारे नाम पर मैं ने हर आफ़त सर पे रक्खी थी नज़र शोलों पे रक्खी थी ज़बाँ पत्थर पे रक्खी थी . हमारे ख़्वाब तो शहरों की सड़कों पर भटकते थे तुम्हारी याद थी जो रात भर बिस्तर पे रक्खी थी . मैं अपना अज़्म ले कर मंज़िलों की सम्त निकला था मशक़्क़त हाथ पे रक्खी थी क़िस्मत घर पे रक्खी थी . इन्हीं साँसों के चक्कर ने हमें वो दिन दिखाए थे हमारे पाँव की मिट्टी हमारे सर पे रक्खी थी . सहर तक तुम जो आ जाते तो मंज़र देख सकते थे दिए पलकों पे रक्खे थे शिकन बिस्तर पे रक्खी थी -राहत इंदौरी
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rahat indori best shayari in urdu
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा कर के . आते जाते हैं कई रंग मिरे चेहरे पर लोग लेते हैं मज़ा ज़िक्र तुम्हारा कर के . एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के . आसमानों की तरफ़ फेंक दिया है मैं ने चंद मिट्टी के चराग़ों को सितारा कर के . मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भँवर है जिस की तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के . मुंतज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे चाँद को छत पुर बुला लूँगा इशारा कर के -राहत इंदौरी सहाब
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rahat indori shayari in urdu
मैं एक गहरी ख़ामोशी हूं आ झिंझोड़ मुझे, मेरे हिसार में पत्थर-सा गिर के तोड़ मुझे . बिखर सके तो बिखर जा मेरी तरह तू भी मैं तुझको जितना समेटूँ तू उतना जोड़ मुझे
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rahat indori best shayari in english
ये सहारा जो नहीं हो तो परेशां हो जायें मुश्किलें जान ही ले लें अगर आसां हो जायें... ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएं तो इंसान हो जाएं.. -राहत इंदौरी सहाब की शायरी
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bulati hai magar jaane ka nahi shayari
शराब छोड़ दी तुमने ,कमाल है ठाकुर मगर ये हाथ में क्या लाल लाल है ठाकुर . किसी गरीब दुपट्टे का कर्ज़ है इस पर , तुम्हारे पास जो रेशम कि शाल है ठाकुर . तुम्हारी लाल हवेली छुपा न पाएगी , हमे ख़बर है कहाँ कितना माल है ठाकुर . दुआ को नन्हे गुलाबों ने हाथ उठाये है, बस अब यहाँ से तुम्हारा जवाल है ठाकुर -राहत इंदौरी
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indori shayari
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें, कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं .
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rahat indori best shayari lyrics 2023
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए, अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए ,
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motivational rahat indori shayari
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया, इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया,
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life rahat indori shayari
उस ने पूछा था क्या हाल है, और मैं सोचता रह गया ,
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rahat indori shayari hindi
अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को , मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं,
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rahat indori ghazal
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में , मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं,
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rahat indori best shayari
मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें, ये लीजे आप का घर आ गया है हात छोड़ें,
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rahat indori sad shayari 2 line
रात आ कर गुज़र भी जाती है , इक हमारी सहर नहीं होती,
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी राजनीति
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा , सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए ,
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rahat indori best poetry
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर' , उदासी बाल खोले सो रही है,
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rahat indori best lines
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा, यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो,
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rahat indori famous lines
शराब छोड़ दी तुमने ,कमाल है ठाकुर मगर ये हाथ में क्या लाल लाल है ठाकुर . किसी गरीब दुपट्टे का कर्ज़ है इस पर, तुम्हारे पास जो रेशम कि शाल है ठाकुर . तुम्हारी लाल हवेली छुपा न पाएगी, हमे ख़बर है कहाँ कितना माल है ठाकुर . दुआ को नन्हे गुलाबों ने हाथ उठाये है, बस अब यहाँ से तुम्हारा जवाल है ठाकुर -राहत इंदौरी शायरी
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dr rahat indori shayari in hindi
समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है जहाज़ खुद नहीं चलते खुदा चलाता है . ये जा के मील के पत्थर पे कोई लिख आये वो हम नहीं हैं, जिन्हें रास्ता चलाता है . वो पाँच वक़्त नज़र आता है नमाजों में मगर सुना है कि शब को जुआ चलाता है . ये लोग पांव नहीं जेहन से अपाहिज हैं उधर चलेंगे जिधर रहनुमा चलाता है . हम अपने बूढे चिरागों पे खूब इतराए और उसको भूल गए जो हवा चलाता है -राहत इंदौरी की शायरी
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best shayari rahat indori
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें, कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं,
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rahat indori best shayari in hindi
आग का क्या है पल दो पल में लगती है, लेकिन बुझते बुझते एक ज़माना लगता है,
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Nice Postb Good Morning Shayari
ReplyDeleteThanxx bro
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